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परिभाषा - बोध करने की वृत्ति या शक्ति जिसके द्वारा जीवों को अपनी आवश्यकताओं और स्थितियों के अनुसार अनेक प्रकार की अनुभूतियाँ होती हैं
- वाक्य में प्रयोग -
चोट लगने पर उसे होश नहीं रहा।
- समानार्थी शब्द -
चेतना ,
सुध ,
चैतन्य ,
सुधि
- लिंग -
पुल्लिंग
- संज्ञा के प्रकार -
भाववाचक
- गणनीयता -
अगणनीय
- एक तरह का -
धारणा
- प्रकार -
आत्म चेतना ,
अंतःसंज्ञा