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ध्यान
संज्ञा
पिछला अगला
  • परिभाषा - अंतःकरण या मन की वह वृति या शक्ति जो उसे किसी चीज या बात का बोध कराती, उसमें कोई धारणा उत्पन्न करती अथवा कोई स्मृति जाग्रत करती है
  • वाक्य में प्रयोग - मैंने उन्हें एक बार देखा तो है पर उनकी आकृति अभी ध्यान में नहीं आ रही है।
  • लिंग - पुल्लिंग
ध्यान
संज्ञा
पिछला अगला
  • परिभाषा - किसी बात या कार्य में मन के लगे होने की स्थिति
  • वाक्य में प्रयोग - उसका गौर बहुत जल्दी टूटता है।
  • समानार्थी शब्द - गौर
  • लिंग - पुल्लिंग
ध्यान
संज्ञा
पिछला अगला
  • परिभाषा - किसी की उपेक्षा न करने का भाव
  • वाक्य में प्रयोग - वह बड़ों की बातों पर ध्यान न देते हुए अपनी मनमानी करता है।
  • लिंग - पुल्लिंग
ध्यान
संज्ञा
पिछला अगला
  • परिभाषा - ख़याल
  • वाक्य में प्रयोग - यात्रा का ख्याल आते ही मन प्रसन्न हो जाता है।
  • समानार्थी शब्द - ख्याल , ख़याल
  • लिंग - पुल्लिंग
ध्यान
संज्ञा
पिछला अगला
  • परिभाषा - किसी विषय, विशेषतः धार्मिक विषय या अलौकिक सत्ता का लगातार कुछ समय तक होने वाला गंभीर मनन या चिंतन जो योग का सातवाँ तथा समाधि के पूर्व का अंग माना जाता है
  • वाक्य में प्रयोग - संतजी ध्यानयोग में लीन है।
  • समानार्थी शब्द - ध्यानयोग , योग
  • लिंग - पुल्लिंग
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