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परिभाषा - एक वर्णवृत्त जिसके पहले और चौथे चरण में जगम, तगण और दो गुरु होते हैं तथा दूसरे और तीसरे चरण में दो तगण, जगण और दो गुरु होते हैं
- वाक्य में प्रयोग -
ये पंक्तियाँ आर्द्रा की हैं ।
- लिंग -
स्त्रीलिंग
- एक तरह का -
वर्णवृत्त
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परिभाषा - एक प्रकार का पौधा जिसकी तीक्ष्ण और चरपरी जड़ या गाँठ औषध और मसाले के काम आती है
- वाक्य में प्रयोग -
अदरक की जड़ शरीर के लिए बहुत फ़ायदेमंद होती है ।
- समानार्थी शब्द -
अदरक ,
आर्द्रक ,
आदी ,
अदरख ,
आदा
- लिंग -
स्त्रीलिंग
- एक तरह का -
पौधा
- का हिस्सा -
अदरक
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परिभाषा - एक प्रकार के पौधे की तीक्ष्ण और चरपरी जड़ या गाँठ
- वाक्य में प्रयोग -
अदरक का स्वाद तेज़ और चिरपिरा होता है ।
- समानार्थी शब्द -
अदरक ,
आर्द्रक ,
आदी ,
अदरख ,
आदा
- लिंग -
स्त्रीलिंग
- एक तरह का -
मसाला ,
जड़
- प्रकार -
सोंठ ,
बवादा ,
महार्द्रक
- अंगीवाची -
अदरक
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परिभाषा - हिमालय के अंचल में होने वाला एक पौधा
- वाक्य में प्रयोग -
अतीस औषध के काम आता है ।
- समानार्थी शब्द -
अतीस ,
श्वेता ,
शुक्लकंद
- लिंग -
स्त्रीलिंग
- एक तरह का -
पौधा
- अंगीवाची -
चातुर्भद्र