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परिभाषा - कोई ऐसा कार्य या बात जो वास्तविक या सत्य न रहने पर भी सत्य और ठीक जान पड़े
- वाक्य में प्रयोग -
हम सांसारिक माया में फँसे हुए हैं। / माया दीपक नर पतंग भ्रमि-भ्रमि इवैं पड़ंत, कहें कबीर गुरु ग्यान ते एक आध उबरंत।
- समानार्थी शब्द -
माया ,
परपंच ,
अनीश ,
प्रपञ्च
- लिंग -
पुल्लिंग
- एक तरह का -
बोध
- प्रकार -
योगमाया
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परिभाषा - व्यर्थ की परेशानी
- वाक्य में प्रयोग -
मैं कहाँ इस झमेले में पड़ गया !
- समानार्थी शब्द -
झंझट ,
झमेला ,
जंजाल
- लिंग -
पुल्लिंग
- एक तरह का -
कठिनाई
- प्रकार -
गोरखधंधा
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परिभाषा - वह आचरण, काम आदि जिसमें ऊपरी बनावट का भाव रहता है
- वाक्य में प्रयोग -
संत कबीर ने पाखंड पर तीखा व्यंग किया है।
- समानार्थी शब्द -
पाखंड ,
ढोंग ,
आडंबर ,
ढकोसला
- लिंग -
पुल्लिंग
- एक तरह का -
काम
- प्रकार -
आटोप ,
शब्दाडम्बर ,
चमक-दमक
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परिभाषा - वह काम जो किसी को धोखे में डाल कर कोई स्वार्थ साधने के लिए किया जाए
- वाक्य में प्रयोग -
उसने छल से पूरी जायदाद अपने नाम करा ली। / वह अपने छल में कामयाब नहीं हुआ।
- समानार्थी शब्द -
छल ,
धोखा ,
मक्कारी
- लिंग -
पुल्लिंग
- एक तरह का -
व्यवहार
- प्रकार -
आत्मवंचना ,
हथकंडा ,
चकमा ,
विश्वासघात ,
वकवृत्ति