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परिभाषा - एक छंद जिसकी पाँचवीं, आठवीं और नौवीं मात्रा लघु एवं अंतिम मात्रा गुरु होती है
- वाक्य में प्रयोग -
चंचला के प्रत्येक चरण में सोलह मात्राएँ होती हैं ।
- समानार्थी शब्द -
चित्रा ,
ब्रह्मरूपक
- लिंग -
स्त्रीलिंग
- एक तरह का -
मात्रिक छंद
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परिभाषा - आकाश में सहसा क्षण भर के लिए दिखाई देने वाला वह प्रकाश जो बादलों में वातावरण की विद्युत शक्ति के संचार के कारण होता है
- वाक्य में प्रयोग -
आकाश में रह-रहकर बिजली चमक रही थी।
- समानार्थी शब्द -
बिजली ,
चपला ,
तड़िता
- लिंग -
स्त्रीलिंग
- एक तरह का -
प्रकाश