परिभाषा - किसी को चिढ़ाने, दुखी करने, नीचा दिखाने आदि के लिए कही जाने वाली वह बात जो स्पष्ट शब्दों में न होने पर भी अथवा विपरीत रूप की होने पर भी उक्त प्रकार का अभिप्राय या आशय प्रकट करती हो
वाक्य में प्रयोग -
नेता जी विपक्षी का व्यंग्य सुनकर क्रोधित हो गए ।