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परिभाषा - हिन्दुओं के चार वर्णों में पहला वर्ण या जाति जिसका मुख्य काम पठन-पाठन, यज्ञ, ज्ञानोपदेश आदि हैं
- वाक्य में प्रयोग -
ब्राह्मण अपने कर्म से दिन-प्रतिदिन दूर होते जा रहे हैं ।
- समानार्थी शब्द -
बाम्हन ,
ब्रह्मण
- विलोम शब्द -
शूद्र
- लिंग -
पुल्लिंग
- एक तरह का -
वर्ण
- प्रकार -
द्रविड़ ब्राह्मण ,
याज्ञिक ,
देसवाली ,
ओझा ,
चौबे ,
सरयूपारी
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परिभाषा - वेद का व्याख्या वाला वह खण्ड जो गद्य में है एवं जिसमें कर्मकाण्डों की व्याख्या की गयी है
- वाक्य में प्रयोग -
हर वेद के एक या एक से अधिक ब्राह्मण हैं ।
- लिंग -
पुल्लिंग
- एक तरह का -
वस्तु-भाग ,
धर्म ग्रंथ
- प्रकार -
शतपथ-ब्राह्मण