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                                परिभाषा -  शरीर से उत्सर्जित वह दुर्गन्धमय तरल विषैला पदार्थ जो उपस्थ मार्ग या जननेंद्रिय से निकलता है
                              
 
                              - वाक्य में प्रयोग - 
                                 वैद्यक में मूत के सेवन का भी विधान है।
                              
 
                              
                              
                              - समानार्थी शब्द - 
                                
                                    मूत     , 
                                
                                    पेशाब     , 
                                
                                    मूत्र     , 
                                
                                    मेह    
                                
                              
 
                              
                                 
                              
                              - लिंग - 
                                पुल्लिंग
                              
 
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                                - एक तरह का - 
                                
                                  शारीरिक द्रव   
                                
                                
 
                              
                              
                                - प्रकार - 
                                
                                  गोमूत्र  
                                
                                
 
                              
                              
                              
                                - अंगीवाची - 
                                
                                  पंचगव्य