परिभाषा - न्यायदर्शन के सोलह पदार्थों या विषयों में से एक
वाक्य में प्रयोग -
वादविवाद अथवा शास्त्रार्थ में जहाँ विप्रतिप्रत्ति ( उलटा-पुलटा ज्ञान ) या अप्रतिप्रत्ति ( अज्ञान ) किसी पक्ष की ओर से कहा जाता है तो उसे निग्रहस्थान कहते हैं । / न्याय में बाइस निग्रहस्थान माने गए हैं ।