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परिभाषा - संस्कृत व्याकरण में धातु में लगने वाले दो प्रत्ययों में से एक के लगने पर मिलने वाला वह क्रिया पद जिसके कार्य का फल स्वयं को मिलता है
- वाक्य में प्रयोग -
राज् धातु में ते प्रत्यय लगाने पर मिला राजते आत्मनेपद है।
- लिंग -
पुल्लिंग
- एक तरह का -
क्रिया