-
परिभाषा - अड़तालीस मात्राओं का एक मात्रिक छंद जिसके पहले और तीसरे चरण में ग्यारह-ग्यारह तथा दूसरे और चौथे चरण में तेरह-तेरह मात्राएँ होती हैं
- वाक्य में प्रयोग -
रामचरित मानस में कई रोचक सोरठे हैं ।
- बहुवचन -
सोरठे
- लिंग -
पुल्लिंग
- संज्ञा के प्रकार -
जातिवाचक
- गणनीयता -
गणनीय