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                                परिभाषा -  खीजने का भाव या वह क्रोध जो मन-ही-मन रहे
                              
 
                              - वाक्य में प्रयोग - 
                                 उसकी खीज देखकर सब उसे और चिढ़ाने लगे।
                              
 
                              
                              
                              - समानार्थी शब्द - 
                                
                                    खीज     , 
                                
                                    झुँझलाहट     , 
                                
                                    भँड़ास     , 
                                
                                    खुंदक    
                                
                              
 
                              
                                 
                              
                              - लिंग - 
                                स्त्रीलिंग
                              
 
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                                - एक तरह का - 
                                
                                  क्रोध   
                                
                                
 
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                            
                             
                           
                             
                         
                       
                    
                          
                        
                            
                            
                            
                            
                          
                               
                            
                             
                              - 
                                परिभाषा -  दूसरे का लाभ या हित देखकर होने वाला मानसिक कष्ट
                              
 
                              - वाक्य में प्रयोग - 
                                 मेरी तरक्की देखकर उसे ईर्ष्या हो रही है।
                              
 
                              
                              
                              - समानार्थी शब्द - 
                                
                                    ईर्ष्या     , 
                                
                                    जलन     , 
                                
                                    द्वेष    
                                
                              
 
                              
                                 
                              
                              - लिंग - 
                                स्त्रीलिंग
                              
 
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                              
                                - एक तरह का - 
                                
                                  मनोभाव