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                                  परिभाषा -  वह वस्तु जो देवता या बड़े लोग प्रसन्न होकर भक्तों को दिया जाता है
                                
- वाक्य में प्रयोग - 
                                   स्वामीजी जिससे भी मिलते हैं उसे कुछ न कुछ प्रसाद देते हैं।
                                
- समानार्थी शब्द - 
                                  
                                    बरकत    
                                  
                                
 
                           
                             
                         
                       
                    
                      		
                        
                        	  
                            
                            
                            
	                      	
                               
                            
                              
                                - 
                                  परिभाषा -  वह खाने या पीने की वस्तु जो देवता को चढ़ाई जा चुकी हो
                                
- वाक्य में प्रयोग - 
                                   कथा समाप्ति के बाद प्रसाद वितरण किया गया।
                                
- समानार्थी शब्द - 
                                  
                                    प्रसादी     , 
                                  
                                    परसाद    
                                  
                                
 
                           
                             
                         
                       
                    
                      		
                        
                        	  
                            
	                        
	                      	
                               
                            
                              
                                - 
                                  परिभाषा -  साहित्य का एक उत्तम गुण जिसमें सुबोधता, सरलता और रसात्मकता प्रकट होती है
                                
- वाक्य में प्रयोग - 
                                   लेखन में प्रसाद का होना बहुत आवश्यक है।