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परिभाषा - शरीर में की वह वायु जो पलकों को खोलती तथा बंद करती है
- वाक्य में प्रयोग -
कूर्म के अभाव के कारण वह अपलक देखता रहता है ।
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परिभाषा - एक वैदिक ऋषि
- वाक्य में प्रयोग -
कूर्म का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है ।
- समानार्थी शब्द -
कूर्म ऋषि
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परिभाषा - हठयोग के अनुसार शरीर की तीन प्रमुख नाड़ियों में से एक जिसका स्थान वैद्यक में नाभि के मध्य माना जाता है
- वाक्य में प्रयोग -
सुषुम्ना को ब्रह्मरंध्र तक गई हुई मानी जाती है ।
- समानार्थी शब्द -
सुषुम्ना ,
सुषुम्ना नाड़ी
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परिभाषा - पानी तथा ज़मीन दोनों में रहने वाला एक जीव
- वाक्य में प्रयोग -
कछुए का खोल सख़्त होता है ।
- समानार्थी शब्द -
कछुआ ,
कच्छप