परिभाषा - विवाहित स्त्री का संपूर्ण शृंगार जो सोलह माने गए हैं जो ये हैं- अंग में उबटन लगाना, स्नान, स्वच्छ वस्त्र धारण, बाल सँवारना, नयानांजन लगाना, माँग में सिंदूर लगाना, महावर लगाना, मस्तक पर तिलक, चिबुक पर तिल बनाना, मेंहदी रचाना, इत्र आदि सुगंधित द्रव्य लगाना, आभूषण पहनना, पुष्पमाला धारण करना, मिस्सी लगाना, पान खाना एवं होंठों को रंगना
वाक्य में प्रयोग -
नृत्यांगना सोहल सिंगार की हुई थी ।