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परिभाषा - वह निश्चित और अटल दैवी विधान जिसके अनुसार मनुष्य के सब कार्य पहले ही से नियत किये हुए माने जाते हैं और जिसका स्थान ललाट माना गया है
- वाक्य में प्रयोग -
कर्मवादी भाग्य में विश्वास नहीं करते । / दैव के भरोसे बैठने वाला जीवन में कुछ नहीं पा सकता ।
- समानार्थी शब्द -
भाग्य ,
किस्मत
- लिंग -
पुल्लिंग
- एक तरह का -
दैवी विधान
- प्रकार -
दुर्भाग्य ,
सौभाग्य