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                                परिभाषा -  हिन्दुओं के जीवन की चार अवस्थाएँ - ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास
                              
- वाक्य में प्रयोग - 
                                 आश्रम व्यवस्था वैदिक युग में प्रचलित थी।
                              
- समानार्थी शब्द - 
                                
                                    आश्रम    
                                
                              
- लिंग - 
                                पुल्लिंग
                              
- एक तरह का - 
                                
                                  व्यवस्था   
                                
                                
- प्रकार - 
                                
                                  गृहस्थाश्रम   , 
                                
                                  ब्रह्मचर्य   , 
                                
                                  वानप्रस्थ   , 
                                
                                  संन्यास