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असूया
संज्ञा
पिछला अगला
  • परिभाषा - दूसरे के गुण में दोष निकालने की वृत्ति या मन की ऐसी वृत्ति जिससे दूसरों के दोष दिखाई देते हों और गुण, सुख आदि सहन न किये जा सकते हों
  • वाक्य में प्रयोग - असूया मनुष्य का अवगुण है ।
  • लिंग - स्त्रीलिंग
  • एक तरह का - स्वभाव
असूया
संज्ञा
पिछला अगला
  • परिभाषा - साहित्य में एक प्रकार का संचारी भाव जिसमें किसी के सुख को न सहकर उसे हानि पहुँचाने का विचार आता है
  • वाक्य में प्रयोग - कवि की इन पंक्तियों में असूया की स्पष्ट झलक मिलती है ।
  • लिंग - स्त्रीलिंग
  • एक तरह का - संचारी भाव
असूया
संज्ञा
पिछला अगला
  • परिभाषा - दूसरे का लाभ या हित देखकर होने वाला मानसिक कष्ट
  • वाक्य में प्रयोग - मेरी तरक्की देखकर उसे ईर्ष्या हो रही है।
  • समानार्थी शब्द - ईर्ष्या , जलन , द्वेष
  • लिंग - स्त्रीलिंग
  • एक तरह का - मनोभाव
असूया
संज्ञा
पिछला अगला
  • परिभाषा - चित्त का वह उग्र भाव जो कष्ट या हानि पहुँचाने वाले अथवा अनुचित काम करने वाले के प्रति होता है
  • वाक्य में प्रयोग - क्रोध नहीं करना चाहिए। / वह आदमी गुस्से से देख रहा है ।
  • समानार्थी शब्द - क्रोध , गुस्सा , आक्रोश
  • लिंग - स्त्रीलिंग
  • एक तरह का - मानसिक अवस्था , मनोभाव
  • प्रकार - प्रकोप , जनाक्रोश , अंतःकोप , प्रक्षोभ , ग़ुबार , खीज
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