सर्वप्रधान मानी जाने वाली वह ऋतु जो माघ के दूसरे पक्ष से प्रारम्भ होकर चैत के प्रथम पक्ष तक की मानी गई है

  • वसंत के आगमन पर प्रकृति खिल उठी है।
  • वसंत को कवियों ने ऋतुराज की संज्ञा दी है।