वह नियत धन आदि जो किसी व्यक्ति या किसी संपत्ति, व्यापार आदि के काम में से कोई अधिकारिकी अपने लिए लेती है

  • मुगलकाल में शासकों और सामंतों द्वारा भारतीय जनता से अनेकों प्रकार के कर वसूल किए जाते थे।