एक जाने-माने साहित्यकार जिन्होंने पत्रकारिता भी की

  • सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी का यह मानना था कि जिस देश के पास समृद्ध बाल साहित्य नहीं है उसका भविष्य उज्ज्वल नहीं रह सकता।