दबाव, रगड़ या इसी तरह की किसी और क्रिया से ऐसा जोर पहुँचाना कि कुछ अंश अपने मूल आधार से अलग हो जाय

  • किसी ने मेरी पतंग की डोर काट दी।
  • उसने अपने गाल के मसे को उसमें घोड़े के बाल बाँधकर काटे।"