ऊपर की ओर का विस्तार या आधार से लेकर एकदम ऊपर तक का विस्तार या ऊँचा होने की अवस्था या भाव

  • उसकी शोहरत बुलंदी पर है।
  • उसका क़द मेरे भाई जितना है।
  • कुतुब मीनार की ऊँचाई बहुत अधिक है।