एक प्रकार की वीणा जिसमें प्रायः सौ तार लगे होते हैं और उसे धातु के सरिया से तारों पर आघात करके बजाया जाता है

  • पंडित शिवकुमार शर्मा के कारण संतूर और लोकप्रिय हो गया।