किसी को चिढ़ाने,दुखी करने,नीचा दिखाने आदि के लिए कोई बात कहना जो स्पष्ट शब्द में नहीं होने पर भी उक्त प्रकार का अभिप्राय प्रकट करती हो

  • मोहन की कंजूसी पर श्याम ने व्यंग्य किया।