बोध करने की वृत्ति या शक्ति जिसके द्वारा जीवों को अपनी आवश्यकताओं और स्थितियों के अनुसार अनेक प्रकार की अनुभूतियाँ होती हैं

  • मृतक का शरीर संज्ञा शून्य होता है।
  • चेतना ही जीवन का लक्षण है।