दिन में प्रायः दो बार नियत समय पर लिया जाने वाला संपूर्ण आहार

  • रसोई तैयार है।
  • माँ भोजन तैयार करके पिताजी का इंतजार कर रही हैं।
  • वह ठाकुर जी को भोग लगाने के बाद भोजन ग्रहण करता है।